पितृ दोष से मुक्ति के उपाय – How To Remove Pitra Dosha
पितृ दोष एक ऐसा दोष है, जो व्यक्ति के जीवन में अनेक परेशानियों का कारण बन सकता है। इसका सीधा संबंध पूर्वजों की आत्मा से होता है। जब हमारे पितर, यानी पूर्वज हमसे नाराज होते हैं या उनके तर्पण, श्राद्ध आदि विधियों का पालन नहीं किया जाता, तो पितृ दोष उत्पन्न होता है। पितृ दोष से जीवन में बाधाएं, सेहत संबंधी परेशानियां, करियर में असफलता, और संतान प्राप्ति में कठिनाई हो सकती हैं।
पितृ दोष से मुक्ति के कई आसान और प्रभावी उपाय हैं, जिन्हें पितृपक्ष के दौरान अपनाकर इस दोष से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए, जानते हैं कुछ सरल उपाय जिनसे पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
1. पितृ दोष के कारण और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ दोष लगने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारण यह है कि किसी व्यक्ति की असामयिक मृत्यु हो जाने पर उसके तर्पण या अंतिम संस्कार के नियमों का पालन सही तरीके से न किया जाए। इससे उसकी आत्मा भटकती रहती है और वह परलोक में भी शांति नहीं पाती। इस कारण घर के सदस्यों पर पितृ दोष का प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा, ज्योतिषीय दृष्टि से भी पितृ दोष बन सकता है। अगर किसी की कुंडली में दूसरे, आठवें या दसवें भाव में सूर्य के साथ केतु होता है, तो यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है। पितृ दोष अगर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहे, तो इससे परिवार के सदस्यों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
2. पितृ दोष के लक्षण
- खाने में गंदगी पड़ना: अगर आप पितृ दोष से पीड़ित हैं, तो कई बार आपके भोजन में बाल, कंकड़ या अन्य अवांछित चीजें आ सकती हैं। यह संकेत हो सकता है कि पितरों की नाराजगी है।
- बीमारियों का लगातार होना: पितृ दोष से प्रभावित घरों में अक्सर कोई न कोई व्यक्ति लंबे समय तक बीमार रहता है। अगर घर के सदस्य सामान्य इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रहे हैं, तो यह पितृ दोष का लक्षण हो सकता है।
- संतान प्राप्ति में बाधा: जिन दंपत्तियों को लंबे समय से संतान सुख प्राप्त नहीं हो रहा है, वे भी पितृ दोष से प्रभावित हो सकते हैं। कभी-कभी संतान का जन्म होते ही उसकी मृत्यु हो जाती है। इसे भी पितृ दोष का संकेत माना जाता है।
3. पितृ दोष से मुक्ति के 5 अचूक उपाय
👉 पितरों का श्राद्ध और तर्पण करें: पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना सबसे महत्वपूर्ण उपाय है। पितृ पक्ष के दौरान इस विधि को पूरी श्रद्धा से करना चाहिए, ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले और उनकी नाराजगी दूर हो सके।
👉 पीपल के वृक्ष की पूजा: पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे काला तिल डला हुआ दूध, अक्षत, और फूल अर्पित करें। इसके साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
👉 दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं: शाम के समय अपने घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। यह एक सरल उपाय है जिससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
👉 गाय को भोजन कराएं: पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष में गाय को प्रतिदिन भोजन कराना चाहिए। सुबह की पहली रोटी गाय के लिए निकालें और दुखी गायों की सेवा करें। गौ सेवा से पितृ दोष का निवारण होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
👉 पीपल की पूजा: दोपहर के समय पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
4. दान का महत्व
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दान करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पितृ पक्ष में जितना हो सके, उतना दान करें। विशेष रूप से गायों के लिए दान करना पितरों को प्रसन्न करता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। गायों को भोजन, चारा, और चिकित्सा सहायता प्रदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
5. दून एनिमल वेलफेयर गौशाला में कर सकते हैं दान
यदि आप पितृ पक्ष के दौरान गायों की सेवा करना चाहते हैं, तो आप दून एनिमल वेलफेयर में अपनी पसंद की गाय को गोद ले सकते हैं। इसके अलावा, आप गौशाला में गायों के लिए चारा, पानी, और चिकित्सा सहायता के लिए दान भी कर सकते हैं। यह दान न सिर्फ गायों की सेवा में सहायक होगा, बल्कि आपके पितरों की आत्मा को भी शांति प्रदान करेगा। पितृ पक्ष के दौरान गौदान करना एक ऐसा कार्य है, जिससे न सिर्फ पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से दान कर सकते हैं:
पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपरोक्त उपायों को अपनाएं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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