गौ दान, जानें इसका महत्व - जरूर करें गौदान

गौ दान, जानें इसका महत्व
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गौ दान, जानें इसका महत्व – Benefits of Gau Daan

हिंदू धर्म में दान का बहुत महत्व है। सभी तरह के दानों में गोदान को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि गाय में सभी देवताओं का वास होता है और गाय का दान करने से सभी तरह के कल्याण होते हैं। गाय के सींगों में ब्रह्मा और विष्णु का निवास है, सिर में महादेव, माथे पर गौरी और नथनों में कार्तिकेय का वास है।

गाय की आंखों में सूर्य-चंद्रमा, नाक में कम्बल और अश्वतर नाग, कानों में अश्विनी कुमार, दांतों में वासुदेव, जीभ में वरुण और गले में देवराज इंद्र का निवास है। बालों में सूर्य की किरणें, खुर में गंधर्व, पेट में पृथ्वी और चारों थनों में चारों समुद्र रहते हैं। गोमूत्र में गंगा और गोबर में यमुना का वास माना गया है।

1. धार्मिक मान्यता और पूजन विधि

धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति गोदान करता है, उसे समस्त देवताओं का आह्वान करना चाहिए और इसके बाद षोडशोपचार से गाय का पूजन करना चाहिए। गोदान करने से पहले गाय को वस्त्र पहनाकर पूर्ण श्रद्धा के साथ सपत्नीक गाय का पूजन करना चाहिए। जो लोग श्रेष्ठ मृत्यु चाहते हैं, अलंकृत विमान के जरिए अपने परमात्मा के पास पहुंचना चाहते हैं, उन्हें गोदान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा, गोदान करने से पितृ मोक्ष भी होता है, इसलिए हिंदू धर्म में सभी मनुष्यों को जीवन में एक बार यह दान जरूर करना चाहिए।

2. किस व्यक्ति को करना चाहिए गोदान

गोदान किस व्यक्ति को करना चाहिए, उसके बारे में विस्तार से बताया गया है। कहा गया है कि ब्राह्मण को किया गया गोदान ही सही होता है। मगर इसके लिए भी एक शर्त है कि गोदान का अधिकारी वही व्यक्ति है जो अंगहीन न हो, यज्ञ करवा सकता हो, जिसकी पत्नी जिंदा हो और जिसका भरा पूरा परिवार हो ताकि गौ माता की सेवा कर सके।

3. ऐसी गाय का दान देता है फल

किसी भी जातक को ऐसी गाय का दान करना चाहिए जो वृद्ध नहीं हो। उसके सींग और खुर चमकदार हो। गाय के साथ सोने या कांस्य के बर्तन में घी-दूध और तिल डालकर कुश के साथ उस गाय की पूंछ पर रखकर दान करना चाहिए। दान की पूर्णता के लिए गाय के साथ ही यथा शक्ति धन या सोने का भी दान करना चाहिए।

4. गोदान के लाभ

गोदान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति आती है। मान्यता है कि गोदान करने वाले व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, गोदान करने से पितरों को शांति मिलती है और उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दान से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

5. गोदान का महत्व

गोदान का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि यह दान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। गोदान से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और वह अपने परमात्मा के निकट पहुंच जाता है। इसलिए हिंदू धर्म में गोदान को सबसे पवित्र और श्रेष्ठ दान माना गया है।

6. गोदान की विधि

गोदान करने के लिए व्यक्ति को पहले एक सुंदर और स्वस्थ गाय का चयन करना चाहिए। इसके बाद गाय को स्नान कराकर उसे सुंदर वस्त्र पहनाने चाहिए। गाय के सींगों को सजा कर उसके गले में फूलों की माला पहनानी चाहिए। फिर गाय का षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद गाय को ब्राह्मण को दान देना चाहिए। दान करते समय व्यक्ति को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह गौ माता की सेवा करेगा और उसे किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाएगा।

निष्कर्ष

गोदान का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में भी सहायक है। इसलिए हर व्यक्ति को जीवन में एक बार गोदान अवश्य करना चाहिए। गोदान से न केवल व्यक्ति के पापों का नाश होता है, बल्कि उसे स्वर्ग की प्राप्ति भी होती है। इसलिए, अपने जीवन में गोदान का महत्व समझें और इसे अवश्य करें।

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